Bohr Atomic Model in Hindi-कैसे इलेक्ट्रान नाभिक के चक्कर लगाते है?


Bohr Atomic Model in Hindi-कैसे इलेक्ट्रान नाभिक के चक्कर लगाते है?


नमस्कार, दोस्तों विज्ञान और इसके बढ़ते प्रयोग से मानव जीवन बहुत आसान और सुविधाजनक हो गया है|और निरंतर नयी खोजो द्वारा यह काम और भी तेजी से होता जा रहा है|

परन्तु क्या आपको पता विज्ञान शुरुआत से इतना तेज और आसान नहीं था| प्रारंभ में होने वाली खोजे बहुत जटिल और त्रुटी पूर्ण होती थी| लेकिन वैज्ञानिक भी कहा हार मानाने वाले होते है, अपनी ही खोजो में सुधार करते है, तथा नए – नए अविष्कार करते रहते है|

Bohr Atomic Model
परमानु मॉडल्स की कहानी भी कुछ इसी तरह से है, जिसमे नए होने वाले अविष्कार पुराने वालो की जगह ले लेते है| इसी तरह से आज हम परमाणु मॉडल की कड़ी में बोर के परमाणु (Bohr Atomic Model in hindi) मॉडल के बारे में बात करते है|

नील्स बोर ने रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में सुधार करते हुए सन 1913 में एक नया परमाणु मॉडल प्रस्तुत किया जिसे Bohr atomic model कहते है| इस मॉडल में Niels Bohr ने रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियों को मैक्स प्लांक के क्व़ान्टम सिधान्त की सहायता से दूर किया|

इस सिधान्त के अनुसार:-

  • · इलेक्ट्रान परमाणु में नाभिक के चारो ओर निश्चित वृताकार कक्षों में चक्कर लगाते है|
  • · परमाणु में इलेक्ट्रान केवल उन्ही कक्षों में चक्कर लगते है ,जिनका कोणीय संवेग nh/2π का पूर्ण गुनज होता है| जहा h प्लांक नियतांक और n क्व़ान्टम संख्या है जिसका मान 1,2,3,4………होता है|
  • · इलेक्ट्रान उर्जा प्राप्त करके निम्न उर्जा स्तर से उच्च उर्जा स्तर में चले जाते है | तथा पुन उर्जा कम होने पर निम्न उर्जा स्टार में आ जाते है |
  • · जहा प्लांक नियतांक h = 6.6*10-34 है|
  • · यदि माना की किसी इलेक्ट्रान का द्रव्यमान m हो और उसका वेग v है | तब उसका कोणीय संवेग mvr=nh/2 π होगा|
  • · जब किसी परमाणु को बाहर से उर्जा दी जाती है तो वह उर्जा पाकर उच्च उर्जा स्तर में चला जाता है| लेकिन वह उस स्तर में केवल 10-8 सेकंड तक ही रहा पाता है, और वापस अपनी कक्षा में आ जाता है|लोटते समय वह उर्जा का उत्सर्जन विद्युत चुम्बकीय तरंगो के रूप में करता है|
  • · माना की कक्षा में इलेक्ट्रान की उर्जा E1 है, तथा उच्च उर्जा कक्षा की उर्जा E2 है, और आवृति v है तब hv= E2 - E1 होगा| यह बोर की आवृति प्रतिबन्ध है|
  • · निश्चित कक्षों में इलेक्ट्रान उर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण नही करते है,क्योकि उनमे अभिकेन्द्र त्वरण होता है|

बोर के परमाणु मॉडल के दोष:-


वैसे तो बोर ने अपने परमाणु मॉडल में पुराने मॉडल्स को संशोधित किया लेकिन परमाणु की पुरे तरीके से व्यख्या नही कर पाया|कुछदोष निचे दिए गए है|

1.बोर के परमाणु मॉडल से स्पेक्ट्रम रेखाओ की व्याख्या नही की जा सकती|

2. यह मॉडल जिमान प्रभाव को भी परिभाषित नही करता है|

FAQ


Ques.1 इलेक्ट्रान की खोज किसने की ?

Ans. इलेक्ट्रान की खोज J.J. Thomson ने की|

Ques.2 बोर मोडल के चार सिधान्त कोन से है ?

Ans. बोर मॉडल के सिधान्त:-

  • I. परमाणु के नाभिक में धनावेश केन्द्रित होता है|
  • II. परमाणु में इलेक्ट्रान निश्चित वृताकार कक्षों में चक्कर लगाते है|
  • III. प्रोटोन और न्यूट्रॉन इसके नाभिक में केन्द्रित होते है|
  • IV. इलेक्ट्रान का कोणीय संवेग nh/2 π होता है|

Ques.3 रदरफोर्ड ने किसकी खोज की थी?

Ans. रदरफोर्ड ने परमाणु के नाभिक की खोज की थी?

Ques.4 नाभिक के अंदर क्या है?

Ans. नाभिक के अन्दर प्रोटोन और न्यूट्रॉन होते है|

Ques. 5 परमाणु में सबसे भारी कण कोनसा होता है?

Ans. परमाणु में सबसे भारी कण न्यूट्रॉन होता है|

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