Manav pachan Tantra || शरीर के अंगो के कार्य करने का तरीका

Manav Pachan Tantra (Human Digestive System)|शरीर के काम करने का तरीका

नमस्कार दोस्तों इस लेख हम मानव के पाचन तंत्र यानी Human Digestive System in hindi के बारे में जानेंगे|और देखेंगे की हमारा शरीर किसे काम करता है| हमारे शरीर के विभिन्न अंग मुखगुहा, ग्रसनी,दात, जीभ, ग्रसिका, अमाशय, यकृत, छोटी आंत, बड़ी  आंत आदि के कार्य करने का तरीका जानेंगे और देखेंगे की हमारे भोजन के पाचन में इन सबकी क्या भूमिका होतीहै|हमारा शरीर काफी जटिल संरचना है|शरीर के अलग –अलग अंगो का कार्य भी अलग - अलग होता है,और इनमे अपने कार्य को अलग-अलग तरीके से बाँटने का गुण  भी होता है| तो इसी तरह के हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगो के कार्य और इनकी संरचनाओ के बारे में विस्तार से जानेंगे|

 
Manav pachan Tantra

परिचय

हमारा शरीर कई प्रकार की अलग-अलग और जटिल संरचनाओ से मिलकर बना है| Manav Pachan Tantraहमारे भोजन के जटिल अणुओ को सरल अणुओ में तोड़ते है और उससे हमें उर्जा प्रदान होती है|और अतिरिक्त वसा और प्रोटीन विभिन्न अंगो में सिंचित हो जाते है जिनकी आवश्यकता होने पर वापस उससे हमे उर्जा मिलती है|शरिर के कुछ अंग जैसे की अमाशय, यकृत आदि हमारे भोजन को बड़ी मात्रा में तोड़ते है और दुसरे अंग छोटी मात्रा में तोड़ते है|

क्या होता है Manav Pachan Tantra?

मानव को अपने दैनिक कार्य को पूरा करने और अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन और अन्य प्रकार के पोष्टिक आहार की जरुरत होती है, जो की फल, सब्जिया, रोटी आदि खाने से प्राप्त होते है|परन्तु यह भोजन कई प्रकार की जटिल अणुओ से बनते है,जिसको पाचन द्वारा सरल अणुओ में तोडा जाता है|यह कार्य शरीर में पाचन तंत्र के द्वारा किया जाता है|

अर्थात हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन में उपस्थित जटिल अणुओ को सरल अणु में तोड़ना ही पाचन तंत्र होता है|

Manav Pachan Tantraके प्रकार

मानव पाचन तंत्र के अनेक प्रकार है जिसमे मुख्य है:-

1.     आरंभिक पाचन

2.     अमाशय में पाचन

3.     यकृत में पाचन

4.     शुद्रांत (छोटी आंत) में पाचन

5.     वृहदांत्र में पाचन

पाचन के दोरान बनने वाले अपशिष्ट

पाचन तंत्र में भोजन का पाचन टुकडो में होता है| इसलिए इनके कार्य करने वाले अंग भी अलग – अलग होते है|विभिन्न प्रकार के पाचन में शरीर के लिए आवश्यक पदार्थो को तो अवशोषित कर लिया जाता है,परन्तु कुछ पदार्थ एसे होते है ,जिनका पाचन ही नहीं हो पाता है तो एसे अपचित भोजन को अपशिष्ट की तरह शरीर से गुदा द्वारा से बहार निकाल दिया जाता है|

इन बनने वाले अपशिष्ट पदार्थो की प्रकृति इनके भोजन पर निर्भर करती है और इसे पुरे एक अलग प्रकिया द्वारा शरीर से बहार निकाला जाता है|

पाचन द्वारा मिलाता है, शरीर को उर्जा के लिए ईंधन

ये सुनने में थोडा आश्चर्यचकित है,लेकिन पाचन हमे उर्जा के ईंधन की व्यवस्था करता है|जिस प्रकार से बाइक , कार आदि को चलाने के लिए पेट्रोल की जरुरत होती है|उसी प्रकार से हमारे शरीर को भी ईंधन की जरुरत होती है|यह ईंधन हमे भोजन से मिलता है,और इसे काम लेने लायक हमारा पाचन तंत्र बनाता है|

भोजन हमारे शरीर में विभिन्न अंगो में सिंचित रहता है,जिसे जरुरत होने पर शरीर के अलग – अलग अंगो द्वारा काम में ले लिया जाता है|जैसे की वसा का संग्रह हमारी मांसपेशियों एवं अन्य अंगो में होता है और आवश्कता होने पर इसी में से उर्जा प्राप्त होती है|इस प्रकार से पाचन हमारे शरीर के लिए ईंधन तैयार करता है|

Manav Pachan Tantra की प्रक्रिया

हमारे शरीर की पाचन क्रिया बहुत जटिल है|भोजन में उपस्थित जटिल और अगुलनशील भोज्य पदार्थो को सरल एवं गुलनशील भोज्य पदार्थो में तोड़ना ही पाचन कहलाता है|यह पाँच चरणों में पूरा होता है:- अन्तर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण तथा मल त्याग|पहले तो भोजन को दांतों द्वारा चबा- चबा कर टुकडो में तोडा जाता है , फिर इसे ग्रसनी द्वारा आगे भेजा जाता है,जहा पर इसमे उपस्थित जीवाणु और सूक्ष्म जीवो को मारा जाता है|

क्यों जरूरी है पाचन तंत्र

मानव शरीर की संरचना बहुत जटिल होने के करना इनके अंगो का कार्य भी बटा हुआ है,जैसे हाथो कार्य होता है वस्तुओ को पकड़ना,पैर का कार्य होता है चलना उसी प्रकार से पाचन तंत्र का कार्य होता है भोजन को पचाना जिससे की शरीर को उर्जा प्राप्त हो सके और बाकी के अंग भी सही तरीके से कार्य कर सके|इसके अलावा हमारे शरीर के निर्माण और स्वास्थ्य के लिए भी पाचन ही जिम्मेदार होता है,क्योकि यदि पाचन सही तरीके से नहीं होता है,तो इससे हमारे शरीर में कई प्रकार की बिमारिया पैदा हो जाती है| जिसके लक्षण दीर्घ कालीन भी हो सकते है|और कई बिमारिया तो समय के साथ जानलेवा भी हो जाती है|

शरीर के कई प्रकार के रोग पाचन से ही सम्बंधित होते है,जिनके कारण मानव के लिए जीवन काफी कष्टदायी हो जाता है|इसलिए पाचन जरुरी होता है|

खाने की प्रक्रिया

Manav Pachan Tantra


खाने की प्रक्रिया हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पाचन तंत्र एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें खाने का सामान अपने संश्लेषण में लिया जाता है और उससे आवश्यक पोषक तत्वों को शरीर में शामिल कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में कई चरण होते हैं जो हम निम्नलिखित रूप से समझ सकते हैं:-

इन्द्रियों के द्वारा खाने का आकर्षण: हम खाने के सामने आते ही इसके स्वाद, सुगंध और दिखावटी आकार के आकर्षण में आ जाते हैं। इससे हम खाने को अपने आप में अच्छा महसूस करते हैं।और खाने को देखकर हमारी भूख भी बढ़ जाती है|

मुंह में खाने का जबड़ा: खाने को चबाने से पहले हम इसे जबड़े में ले जाते हैं। इससे खाने के टुकड़े छोटे हो जाते हैं और पाचन तंत्र के बाद इन्हें संभली गति से अपने अंगों तक भेजा जा सकता है।

खाने का चबाना और पानी पीना: जबड़े में लिए खाने के टुकड़े को हम चबाते हैं। इससे खाने को नरम होने में मदद मिलती है। इसके बाद हम खाने को निगलते हैं।और साथ ही पानी भी पिते है ताकि भोजन की तरलता बनी रहे और इसे आगे जाने में कोई परेशानी न हो|

खाने की प्रक्रिया का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है पाचन तंत्र, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है। जब हम खाना खाते हैं, तो उसमें मौजूद पोषक तत्वों को हमारे शरीर द्वारा विभिन्न चरणों से गुदांशों तक बांटा जाता है। मुँह में उपस्थित जीवाणुओं द्वारा खाद्य पदार्थों को तोड़ा जाता है और उनको छोटे छोटे टुकड़ों में तोडा जाता है। इसके बाद भोजन को चबाने से शुरू होती है जिसके द्वारा खाद्य पदार्थ को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है और उसमें अमिनो एसिड जैसे पोषक तत्व उत्पन्न होते हैं।चबाने के बाद खाद्य पदार्थ गले के नीचे चला जाता है। यहां पर खाद्य पदार्थ को सामान्य और विशिष्ट दो तरह के पाचक तरलों के साथ मिलकर गुदांशों में भेजा जाता है।

Manav Pachan Tantra और प्रतिरक्षा तंत्र (immune system)के संबंध

पाचन के द्वारा हमारे शरीर में उपस्थित प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है|चुकी प्रतिरक्षा तंत्र हमारे शरीर की रोगों से रक्षा करता है इसलिए इसे पोषक तत्वों की जरुरत होती है जो भोजन से प्राप्त होते है|पाचन तंत्र से भोजन का पाचन होता है और पोषक तत्व प्राप्त होते है |

पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा तंत्र दोनों ही हमारे शरीर के संरचना एवं कार्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। पाचन तंत्र हमारे शरीर में खाद्य पदार्थों को अलग-अलग तत्वों में विभाजित करके उनका अवशोषण करता है। इसके अलावा यह भी संभव होता है कि इसके माध्यम से आवश्यक पोषक तत्वों को अन्य शरीर के क्षेत्रों तक पहुंचाया जाए।

दूसरी ओर, प्रतिरक्षा तंत्र शरीर की सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा होता है। इसमें विभिन्न प्रकार के कोशिकाओं और ऊतकों का समूह होता है जो बाहरी कीटाणुओं, वायरस और अन्य कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा, इसलिए भी जिम्मेदार होता है कि शरीर के अंदर कोई अन्य अशुद्ध तत्व नहीं प्रवेश कर पाते।इस तरह, पाचन तंत्र खाद्य पदार्थों के संश्लेषण एवं उनके अवशोषण के लिए जिम्मेदार होता है, जबकि प्रतिरक्षा तंत्र शरीर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जरुरी होता है।

पाचन तंत्र का महत्व

पाचन तंत्र हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसका काम हमारे खाद्य पदार्थों को सही ढंग से अवशोषित करना होता है ताकि उनसे हमारे शरीर को ऊर्जा और पोषण मिल सके।अगर हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है तो हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, खाद्य पदार्थों को सही ढंग से अवशोषित न कर पाने से हमें पेट में गैस, बदहज़मी, उलटी, दस्त आदि समस्याएं हो सकती हैं।

इसलिए, हमें स्वस्थ रहने के लिए पाचन तंत्र का सही ढंग से काम करना बहुत ज़रूरी होता है। हमें सही खान-पान का ध्यान रखना चाहिए ताकि हमारा पाचन तंत्र सही ढंग से काम कर सके। हमें नियमित रूप से फल, सब्जियां, अनाज, दूध, दही आदि सेहतमंद खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, हमें नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए ताकि हमारा पाचन तंत्र सही ढंग से काम कर सके।

पाचन तंत्र रोगों के लक्षण और उपचार

अगर हमारा पाचन तंत्र सही ढंग से काम नहीं करता है तो हमें निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है:

पेट में दर्द या उलझन

बदहजमी या अपच

पेट में गैस या ब्लोटिंग

दस्त या उलटी

भूख न लगना या ज्यादा भूख लगना

पाचन के लिए ज़रूरी एंजाइम्स की कमी

यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ भी हो तो आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। वे आपके लक्षणों के आधार पर आपके लिए सही उपचार तय करेंगे।आमतौर पर, पाचन तंत्र संबंधी रोगों का इलाज खाद्य पदार्थों और दवाइयों के माध्यम से किया जाता है। आपके डॉक्टर आपको दवाइयों की एक सही डोज और उनके सेवन के समय के बारे में बताएँगे। अधिकतर मामलों में, वे आपको स्वस्थ खाने के बारे में भी सलाह देंगे जो आपके पाचन तंत्र को सही ढंग से काम करने में मदद करेगा।यदि आप खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं तो आपको अपने खान-पान का ध्यान रखना होगा।

Manav pachan Tantra में होने वाली समस्याएं

पाचन तंत्र में होने वाली कुछ सामान्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:

अपच: जिसमें आपके शरीर को भोजन को पचाने में असमर्थता होती है। यह अपच नामक समस्या आमतौर पर भोजन में अधिक तेल या मसाले युक्त भोजनों का सेवन करने से होती है।

एसिडिटी: जिसमें आपके पेट में ऊष्मा का उत्पादन बढ़ जाता है और इससे आपको जलन या तीव्र पेट दर्द होता है। यह भोजन में तले भोजन, मसाले युक्त भोजन, तीखे और मीठे युक्त भोजनों के सेवन से होता है।

उलझन: जिसमें आपके खाने का पाचन तंत्र विशेष रूप से समस्याग्रस्त होता है और आपको उलझन महसूस होती है। इससे भोजन में अधिक मसाले और तला हुआ भोजन से बचने की सलाह दी जाती है।

कब्ज: जिसमें आपके शरीर में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और आपको मलत्याग में समस्या होती है। इससे बचने के लिए अधिक फाइबर युक्त भोजन, पानी पीने की अधिक मात्रा और व्यायाम करना सलाह दी जाती है।

जीर्ण विकार: ऐसी समस्या होती है जिसमें शरीर के अंतिम भाग में खाने के अवशेष जमा हो जाते हैं और इससे समस्याएं होती हैं जैसे कि एसिडिटी, कब्ज आदि। इससे बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन, पानी की अधिक मात्रा और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।

ये समस्याएं भोजन में अधिक मसालों, तला हुआ और तीखा भोजन खाने से होती हैं। इसलिए, सही तरीके से भोजन खाना बहुत जरूरी है। आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप स्वस्थ भोजन खाएँ, पानी की अधिक मात्रा में पिएँ और नियमित व्यायाम करें। यदि आपको लगता है कि आपके पाचन तंत्र में कोई समस्या है, तो आपको एक डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

पाचन तंत्र के लिए उपयोगी आहार

अच्छे पाचन तंत्र के लिए, आपको स्वस्थ और पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आपके पाचन तंत्र के लिए उपयोगी होते हैं:

फल और सब्जियां: फल और सब्जियां आपको विटामिन, मिनरल्स और फाइबर प्रदान करते हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए उपयोगी होते हैं।

पौष्टिक अनाज: चावल, गेहूं, बाजरा, जौ आदि आपको प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स प्रदान करते हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं।

दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, पनीर, दही आदि आपको कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी प्रदान करते हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए उपयोगी होते हैं।

सेब, अंगूर, केला आदि ये फल आपको फाइबर, विटामिन और मिनरल्स प्रदान करते हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं।

तरल पदार्थ: पानी, शरबत, नारियल पानी, लेमनेड आदि आपको शरीर के अंदर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होते हैं और आपके पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं।

फलों से बनी जूस: फलों से बनी जूस आपको विटामिन और मिनरल्स प्रदान करते हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए उपयोगी होते हैं।

चमचमीली चाय: चमचमीली चाय आपके पाचन तंत्र के लिए उपयोगी होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

अन्य खाद्य पदार्थ: नट्स, सूखे मेवे, अंडे, अखरोट आदि आपके पाचन तंत्र के लिए उपयोगी होते हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करने से आपका पाचन तंत्र स्वस्थ और सक्रिय रहेगा।

पाचन तंत्र के असंतुलित होने के कारण

पाचन तंत्र के असंतुलित होने के कई कारण हो सकते हैं। यहाँ कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:

अनियमित खाने के समय: अनियमित खाने के समय भी पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। अधिक इंतजार करने से पेट में गैस बनती है जो पाचन तंत्र को असंतुलित कर सकती है।

सड़ी हुई खाद्य पदार्थों का सेवन: सड़ी हुई खाद्य पदार्थों का सेवन भी पाचन तंत्र को असंतुलित कर सकता है। इसमें अधिक मात्रा में तेल और नमक होता है जो पाचन तंत्र के लिए हानिकारक होते हैं।

समस्यात्मक खानपान: शराब और धूम्रपान करना पाचन तंत्र के लिए हानिकारक होता है। यह पाचन तंत्र को असंतुलित करता है और सेहत को खतरे में डाल सकता है।

अन्य कारण: गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, आमलग्न और एसिडिटी जैसी समस्याएं भी पाचन तंत्र को असंतुलित कर सकती हैं। इन समस्याओं के साथ उपचार करना भी पाचन तंत्र को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।

पाचन तंत्र को संतुलित रखने के लिए आपको सेहतप्रद आहार लेना चाहिए। सब्जियां, फल, अण्डे, दूध, दही और दलिया जैसे सेहतप्रद आहार पाचन तंत्र को संतुलित रखने में मदद करते हैं। विटामिन, प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में लेने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।अन्य तरीके जिनसे पाचन तंत्र को संतुलित रखा जा सकता हैं,उनमें समय पर खाना खाना, थोड़े थोड़े खाने का सेवन करना, नमक की कम मात्रा में खाना, खाने के बाद बैठने से बचना, पर्याप्त पानी पीना, शराब और धूम्रपान से बचना शामिल हैं।अगर आपको लगता है कि आपका पाचन तंत्र असंतुलित हो गया है, तो आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। वे आपकी समस्या को समझेंगे और उपचार का सुझाव देंगे।

पाचन का कार्य करने वाले अंग

मुखगुहा में पाचन (Digestion in Buccal Cavity)

Digestion in Buccal Cavity


मुखगुहा में हमारे 32 दांत और एक जीभ होती है,और तीन तरह की लार ग्रंथिया होती है जो भोजन के अवयवो का पाचन करती है|हमारे दन्त बहुत ही मजबूत होते है ,और जीभ बहुत कोमल होती है|
मुखगुहा में भोजन को चबाने और चीर फाड़ करने का काम दन्त करते है|दान्त चार प्रकार के होते है:-कर्तनक,रदनक,अग्रचवर्नक और चवर्नक|इन सभी के अलग -अलग कार्य होते है|जिससे भोजन छोटे -छोटे टुकडो में बट जाता है और आगे जाने में परेशानी नही होती|

दांतों के प्रकार:-

कर्तनक
यह हमारे आगे के दांत होते हैजिससे हम किसी चीज को काट सकते है|इसका काम यही होता है की यह भोजन को कटता है |कर्तनक दांत संख्या में 8 होते है|चार ऊपर वाले जबड़े में और चार निचे वाले जबड़े में|

रदनक
कर्तनक के पीछे के नुकीले दांत होते हैजो चीर फाड़ करने का काम करते है|यह शेर जैसे जानवरो में काफी विकसित होते है|क्योकि इनकी पकड़ अच्छी होती है|

अग्र चवर्नक
ये दांत खाने को चबाने का काम करते है|छोटे बच्चो में यह नही होते है|इनकी संख्या 8 होती है|

चवर्नक
चवर्नक दांत सबसे पीछे होते है जो खाने को चबाते है और छोटे - छोटे टुकडो में तोड़ते है|इनकी संख्या 12 होती है|

अकल डाड
यह शरीर का अवशेषी अंग होता है,जिसका कोई ख़ास काम नही होता है|यह सामान्यतःकिशोरावस्था में आते है|इनी संख्या चार होती है|

जीभ का कार्य

जीभ बहुत ही कोमल अंग होता है|जिसमे हड्डी नही होती है|  यह खाने के स्वाद को पहचानने और मुह में खाने को इधर-उधर करने का काम करती है| आईएस पर सुक्ष्मंकुर पाए जाते है|जिनका कार्य होता है खाने के स्वाद कि पहचान करना|
जीभ के आगे वाले हिस्से से हमे मीठे स्वाद का पता चलता है|  दोनों तरफ से खारा ,बीच में खट्टा और पीछे के हिस्से में कड़वे स्वाद का पता चलता है|

सार

Manav pachan Tantra एक जटिल विज्ञान है जो भोजन के आवश्यक तत्वों को अलग करने, उन्हें पचाने और अंत में उनसे ऊर्जा प्राप्त करने में मदद करता है। पाचन तंत्र जीवन के लिए बहुत आवश्यक होता है, क्योंकि इससे शरीर को ऊर्जा, पोषण और विभिन्न ऊर्जा स्तरों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है।

Manav pachan Tantra में विभिन्न भाग होते हैं जो भोजन को पाचन करते हैं, जैसे मुंह, उठाई, जीर्णांत आवरण, आमाशय, अण्डाशय, आंतें और निकासी भाग। ये भाग एक क्रम में काम करते हैं और उनसे निकलने वाले उत्पादों को त्वचा द्वारा निकासित किया जाता है।पाचन तंत्र को संतुलित रखने के लिए सही आहार लेना बहुत आवश्यक होता है। शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए और समय पर खाना खाना चाहिए। एक स्वस्थ पाचन तंत्र की संरचना और कार्य प्रणाली को समझने से आप खुशहाल और स्वस्थ रह सकते हैं।

FAQ

Ques.1 मानव शरीर में भोजन का सर्वाधिक पाचन  कहाँ होता है?
Ans.    मानव के शरीर की छोटी आंत में सर्वाधिक पाचन होता है|

Ques.2 प्रोटीन का पाचन कौन करता है?
Ans     प्रोटीन का पाचन अमाशय में होता है|

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